खुला खत : नितीश कुमार जी हम वो बिहारी है जिसे सिर्फ कुर्शी पर बैठाना नहीं बैठना भी आता है।
माननीय मुख्यमंत्री
नितीश कुमार, बिहार
खुद से खुद को तमगा देना कोई आपसे सीखे क्यूंकि विकाश पुरुष तो आप खुद से ही खुद को मानते है, शायद मुझ जैसा इंसान जो बिहार की असली तरक्की चाहता है वो तो नहीं मानता। और कब तक बिहार बर्दास्त करे आपकी नौटंकी को आज आप ही बता दीजिये ?
जबसे आप इस शराब बंदी के नशे में डूबे है तब से बिहार में विकाश की गति शुन्य हो गयी है और ये आपके डिपार्टमेंट के ही आकड़े है ध्यान दे लीजिये जरा.....
परिवहन विभाग - 0%
उत्पाद एवं मध् निषेध विभाग - 0%
निर्वाचन विभाग - 0%
पिछड़ा एवं अति पिछड़ा विभाग - 0%
वाणिज्य विभाग- 0%, इत्यादि
ऐसे और भी विभाग है जहाँ 0% विकाश दर है पर आपको याद दिलाने को इतना काफी है बाकी तो आप जानते ही है क्यूंकि आपकी सरकार ही है।
अब तो आपके हिसाब से शराब बंद हो चूका है तो अब तो छोड़िये शराब के नाम की नौटंकी और कुछ दुसरे भी काम कर लीजिये।
एक आकडे के मुताबिक प्रतिदिन बिहार कही ना कही 10 लोगो को अपराधी मौत के घाट उतार रहे है। तक़रीबन 20 लोग रोज सड़क दुर्घटना में प्रतिदिन मर रहे है। और आप शराब के नशे में डूबे फिर रहे।
किस शराब बंदी की बात कर रहे है आप जहाँ आपके पुलिस वालो ने ही दारु बेचना शुरू कर दिया है उसकी या उस शराब बंदी जिसमे शराब बंद नहीं हुआ बल्कि सिर्फ महंगा हो गया। या फिर उसकी जिस शराब बंदी में शराब बेचने वालो की खबर पुलिस को अगर कोई देता है तो खबर देने वालो को ही मौत के घाट उतार दिया जाता। माफ़ कीजिये नितीश बाबू पर आपकी शराब बंदी का सच अगर जानना है आपको तो अपने पुलिस वालो और अपने नेताओं का मुँह रात को सूंघ लीजिये। पिछले दिनों एक ऑटो वाला शराब के नशे में धुत था अरुण कुमार नाम के एक भैया ने उससे पूछा शराब तो बंद है कहाँ से मिला उसने कहाँ पुलिसवालों से ख़रीदा है बंद नहीं है बस 100 रूपए वाला निप अब 500 का मिल रहा है शाहब।
आपकी कानून व्यवस्था का आलम ये है की कानून के रखवालो को भी नहीं पता कानून होता क्या है सबूत के तौर पे देख लीजिये ये मुजफ्फरपुर के एसएसपी विवेक कुमार है जो बिना हेलमेट की रैली को हरी झंडी दिखा रहे है। और सबके सब पुलिसवाले है। जो होमगार्ड डिपार्टमेंट में भी रहने लायक नहीं है उसे आपने मुजफ्फरपुर जैसे शहर को बर्बाद करने के लिए एसएसपी बना के भेज दिया।
दिखावे की राजनीती करने वाले नितीश बाबू बिहार महोत्सव में सुनिधि चौहान या किसी और को बुला के गाना बजाना करवा देने से बिहार का विकाश नहीं हो सकता, बिहार का विकाश कीजिये बिहार महोत्सव अपने आप मन जायेगा। बिहार सुन्दर बनेगा तो धरातल पर उतर कर काम करने से। अपराधियों को सह देते हुए उन्हें AK-47 पकड़ा कर किसी को मारने का लाइसेंस देने वाले मुख्यमंत्री जी बिहार के विकास के बदले विनाश की राजनीती करना बंद कीजिये।
कान खोल के सुन लीजिये सुधर जाइये बिहार के लिए काम कीजिये बजाये अपने और लालू जी के लिए वरना हम वो बिहारी है जिसे सिर्फ कुर्शी पर बैठाना नहीं बैठना भी आता है।
आपकी कार्यप्रणाली से दुःखी एक बिहारी
गौरव सिंह
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